Saturday 30 July 2016

शायरी दर्द भरी इन हिंदी

जो हुक्म देता है…


जो हुक्म देता है वो इल्तिजा भी रखता है.
दूर बैठे आसमाको कभी जुकना भी पड़ता है.
अगर तू बेवफा है तो सुन…..
मेरा कोई दूसरा भी इंतिजार करता है.

Sunday 24 January 2016

तन्हाई भरी शायरी

 

तनहाई में फरियाद…

तनहाई में फरियाद तो कर सकता हूँ,
वीराने को आबाद कर सकता हूँ,
जब चाहूँ तुम्हे मिल नहीं सकता,
लेकिन जब चाहूँ तुम्हे याद कर सकता हूँ |